Meaning of wahabi
जान अब्दुल्लाह (टाइम्स ऑफ़ मुस्लिम)
वहाब अल्लाह के नामो में से एक नाम है। इसके साथ किसी भी प्रकार का गठजोड़ करना अल्लाह का अपमान करने जैसा है, इसलिए इस शब्द को स्लैंग की तरह बोलते में परहेज करिये,
यह शब्द आया कहा से??

इन दोनों ने एक गठबंधन किया कि हम दोनों मिलकर सऊदी अरब का यह हिस्सा जीतेंगे तो सऊद खानदान के वंशज इसके शासक होंगे और राजनीती देखेंगे और मोहम्मद साहब के वंशज देश में इस्लामिक कानून देखेंगे। इन दोनों ने दूसरी डायनेस्टी से युद्ध लड़े और सऊदी अरब पर इन्होंने अपना कब्ज़ा कर लिया।
उम्मते मुस्लिम जो एकता के लिए कभी मानी जाती थी उसका मक्का में यह हाल था की बैतुल्लाह यानी काबा में एक नमाज़ के लिए 4 इमाम 4 अलग अलग समय प्र पढ़ाते थे, मुस्लिम उम्मत 4 भाग में बंट गयी थी, हनफ़ी शाफ़ई,हम्बली, और मालिकी चार ग्रुप थे जो एक नमाज़ 4 अलग अलग समय पर पढ़ते थे।पाखंड का पूरा कारोबार था, हर कब्र पर इमारते बनी हुई थी यहाँ तक कि लोग काबा के तवाफ़(परिक्रमा) से पहले कब्रो का तवाफ़ करते थे।
सऊद डायनेस्टी ने मोहम्मद सल अलाह अलैहि वसल्लम की हदीस अनुसार, जो उन्होंने हज़रत अली को फरमान दिया था कि हर पक्की कब्र को ज़मीन से एक बालिश तक मिटा दो, वहा सभी कब्रो पर बनी इमारतों को गिरवा दिया।
इनिह मोहम्मद बिन अब्दुल वहाब की विचारधारा को जो अरबी मानते गए उनेह लोगो ने वहाबी कहना शुरू कर दिया
आज भी वहाबी की कोई ख़ास परिभाषा नहीं है
भारत में बरेलवी मुस्लिम समाज देवबंदी मुस्लिम समाज को वहाबी कहता है
देवबंदी मुस्लिम समाज भारत के अहले हदीस मुस्लिम समाज को वहाबी कहता है
तकरीबन 115 साल पहले अहले हदीस मुस्लिम समाज के मौला इमरान देहलवी ने विक्टोरिया को ख़त लिखा कि सऊदी के वहाबी लोगो से हमारा क्या सम्बन्ध जो आप भारत के सलफी मुस्लिम को वहाबी कहकर प्रताड़ित कर रहे हो, और इसी के साथ उन्होंने खुद को वहाबी की जगह अहले हदीस समाज के नाम से रजिस्टर करवा लिया
यह तो है भारत का हाल कि सब एक दुसरे को वहाबी कहते है पर खुद को वहाबी कोई नहीं मानता , रेस्ट ऑफ़ द वर्ल्ड में वहाबी अरबियो को ख़ास तौर से सउदियो को कहा जाता है।
तर्क के हिसाब से भी इसकी कोई पहचान नहीं बनती क्योकि जो सऊद के साथ मिले थे उनका नाम मोहम्मद था। उनकी विचार धारा से प्रभावित इंसान को यदि उनके नाम से जोड़ा जाए तब भी उसे मोहम्मदी कहा जायेगा क्योकि अब्दुल वहाब तो उनके पिताजी का नाम था जो हम्बल विचारधारा से आते है
समरी
-वहाब अल्लाह का नाम है इसे स्लैंग की तरह इस्तेमाल न करे ,क्या आप अपने पिता का नाम स्लैंग बनने का समर्थन करेंगे??
-वहाबी शुरू में उन लोगो को कहा गया जो मोहम्मद साहब के साथ सत्ता हासिल करना चाहते थे
-आज इसकी कोई खास परिभाषा नहीं है क्योंकि शियाओ के लिए आधे सुन्नी वहाबी है और सुन्नियो में सभी एक दुसरे के लिए वहाबी है और जो मोहम्मद बिन अब्दुल वहाब की विचारधारा के कुछ करीब थे उन्होंने 115 साल पहले ही इससे पल्ला झाड़ लिया
-आपको सऊदी डायनेस्टी से 56 इख़्तेलाफ हो सकते है पर उसमे अल्लाह के नाम को बीच में न लाइए
-यदि आप किसी व्यक्ति की विचारधारा से प्रभावित् व्यक्ति को उसके नाम से जोड़ते है जैसे मिर्ज़ा गुलाम अहमद के अनुयायी को अहमदी या इमाम मालिक के अनुयायी को मलिकी तो मोहम्मद बिन अब्दुल वहाब के अनुयायी को मोहम्मदी कहे