शिमला। हैरान कर देने वाली खबर हिमाचल से आई है। जहां एक स्कूल में एक भी छात्र भी पास नहीं हुआ। यह स्कूल जनपद मुख्यालय से लगभग आठ किलोमीटर द...

शिमला। हैरान कर देने वाली खबर हिमाचल से आई है। जहां एक स्कूल में एक भी छात्र भी पास नहीं हुआ। यह स्कूल जनपद मुख्यालय से लगभग आठ किलोमीटर दूर राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला नसलोह में इस बार दसवीं का परीक्षा परिणाम जीरो रहा। वर्ष 2017-18 में भी इस पाठशाला का यही हाल रहा। तब भी यहां कोई दसवीं कक्षा में विद्यार्थी पास नहीं हो पाया था।
जबकि वर्ष 2018-19 में कुछ ही विद्यार्थी यहां पास हो पाए थे और इस बार वर्ष 2019-20 में एक बार फिर यहां दसवीं कक्षा में कोई पास नहीं हो पाया है।
यहां इस बार दसवीं कक्षा में कुल 23 विद्यार्थी थे, जिनमें से सात विद्यार्थियों की कम्पार्टमेंट आई है। और सोलह विद्यार्थी पूरी तरह फेल हुए हुए हैं। सभी विद्यार्थी गणित में फेल हुए हैं। और गणित में ही सभी की कम्पार्टमेंट आई है। इसके अलावा अंग्रेजी, विज्ञान, सामाजिक विज्ञान, संस्कृत और ड्राइंग जैसे विषयों में भी विद्यार्थी फेल हुए हुए हैं।
मीडिया की खबरों के अनुसार वहीं बारहवीं कक्षा में स्कूल में 6 विद्यार्थी थे। जिसमें से केवल दो विद्यार्थी ही पास हुए हैं, जबकि एक विद्यार्थी को कम्पार्टमेंट आई है और एक विद्यार्थी ने परीक्षा ही नहीं दी है। इसके लिए अभिभावक कृष्ण कुमार और लाल सिंह ठाकुर ने स्कूल प्रबंधन को पूरी तरह से जिम्मेदार बताया है।
वैसे इस पाठशाला में अध्यापकों की कमी नहीं है। इस पाठशाला में केवल संस्कृत विषय के अध्यापक का पद रिक्त है, जबकि सभी पद भरे हुए हैं।
इस सबके बाद यहां का रिजल्ट इस तरह से रहने पर अब स्कूल स्टाफ पर ही सवाल उठने लगे हैं। स्कूल प्रबंधन समिति के प्रधान भिंदर सिंह ने विभाग और सरकार से यहां का स्टाफ बदलने की मांग उठाई है।
वहीं उच्च शिक्षा उपनिदेशिका वीना धीमान अत्री ने माना कि स्कूल में 10वीं का वार्षिक रिजल्ट जीरो रहा है और 12वीं का रिजल्ट भी संतोषजनक नहीं है।
उन्होंने कहा कि इस संदर्भ में सारी रिपोर्ट विभाग के उच्चाधिकारियों को भेजी जाएगी और वहां से जो आदेश प्राप्त होंगे, उसी आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।
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