वाशिंगटन. अमेरिका अभी तक कोरोनो वायरस से उबर नहीं पाया है। यहां एक लाख से ज्यादा मौतें हुई हैं। मार्च के महीने से शुरू हुआ यह सिलसिला अब त...

वाशिंगटन. अमेरिका अभी तक कोरोनो वायरस से उबर नहीं पाया है। यहां एक लाख से ज्यादा मौतें हुई हैं। मार्च के महीने से शुरू हुआ यह सिलसिला अब तक जारी है। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि इस दौरान अमेरिकी राष्ट्रपति इस महामारी को लेकर कभी गंभीर नहीं दिखे। वह हमेशा बिना मास्क के सार्वजनिक स्थानों पर पहुंचे। शनिवार को उन्हें पहली बार अस्पताल के दौरे पर मास्क पहने देखा गया था। कुछ महीने पहले ट्रम्प ने सार्वजनिक रूप से फेस मास्क पहनने से इनकार कर दिया था। शनिवार को राष्ट्रपति ट्रम्प ने एक अस्पताल का दौरा किया, जहाँ उन्हें मास्क पहने देखा गया था।
अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रम्प घायल सैनिकों को देखने के लिए वाल्टर रीड पहुंचे, जिस दौरान ट्रम्प ने एक अंधेरे चेहरे का मुखौटा पहना था। गौरतलब है कि अमेरिका में कोरोना वायरस का संक्रमण सबसे ज्यादा है। दुनिया में कोरोना प्रभावित देशों की सूची में संयुक्त राज्य अमेरिका पहले स्थान पर है। संयुक्त राज्य अमेरिका में अब तक 1,34,000 से अधिक लोग कोरोना से मर चुके हैं।
ट्रम्प के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि उन्हें लगता है कि जब आप अस्पताल में होते हैं, खासकर जब आप बहुत सारे सैनिकों से बात कर रहे होते हैं, तो मुझे लगता है कि मास्क पहनना बहुत अच्छी बात है। है।' ट्रंप ने वाल्टर रीड की यात्रा से ठीक पहले व्हाइट हाउस में संवाददाताओं से यह बात कही।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के अनुसार, वह मुखौटे के बिल्कुल खिलाफ नहीं है। मुझे लगता है कि मास्क पहनना एक विशेष समय और स्थान है। 'ट्रम्प को समाचार सम्मेलनों, कोरोना वायरस टास्क फोर्स अपडेट, रैलियों और अन्य सार्वजनिक कार्यक्रमों से पहले कभी भी मास्क पहने हुए नहीं देखा गया है। यहां तक कि विभिन्न चुनावी रैलियों में भी वह आम लोगों से मिलते समय कभी नकाब में नहीं दिखे।
जब अमेरिका ने महामारी शुरू की तो ट्रम्प ने लॉकडाउन का पक्ष नहीं लिया। उनका विचार था कि इस तरह से अमेरिकी अर्थव्यवस्था को नुकसान होगा। इसके बाद, जब मामलों में वृद्धि हुई, तो उन्होंने कई स्थानों पर तालाबंदी की घोषणा की। अमेरिकी विशेषज्ञों का मानना है कि अगर ट्रंप ने समय रहते एहतियात बरती होती तो ऐसी स्थिति सामने नहीं आती।
from UPUKLive