नई दिल्ली. देश में कोरोना वायरस के संक्रमण की गति में कोई कमी नहीं आई है। इन दिनों, भारत में हर दिन औसतन 20 हजार नए कोरोना रोगी सामने आ रह...

नई दिल्ली. देश में कोरोना वायरस के संक्रमण की गति में कोई कमी नहीं आई है। इन दिनों, भारत में हर दिन औसतन 20 हजार नए कोरोना रोगी सामने आ रहे हैं। कोरोना के उपचार के लिए बाजार में कुछ दवाएं हैं, लेकिन यह पूर्ण इलाज की गारंटी नहीं देता है। ऐसी स्थिति में केवल वैक्सीन ही लोगों को कोरोना से बचा सकती है। इस समय, स्वास्थ्य मंत्रालय ने कोरोना वायरस से पीड़ित रोगियों के उपचार के लिए एक नई गाइड लाइन जारी की है।
अब इस गाइड लाइन के तहत कोरोना के उपचार में लाभदायक रेमेडिसिविर की खुराक कम कर दी गई है। अब यह दवा 6 दिनों के बजाय 5 दिनों के लिए मरीजों को दी जाएगी। रेमाडेसिविर एक एंटी-वायरल दवा है और कोरोना के रोगियों को दी जाती है।
स्वास्थ्य मंत्रालय के नए दिशानिर्देशों के अनुसार, ये दवाएं रोगियों को इंजेक्शन के रूप में दी जाएंगी। पहले दिन, रोगी को इंजेक्शन के रूप में 200 मिलीग्राम की खुराक रिमैडाइविर के रूप में दी जाएगी, उसके बाद अगले चार दिनों तक 100-100 मिलीग्राम।
आपको बता दें कि 13 जून को मंत्रालय ने रेमेडिसवीर का इस्तेमाल करने की अनुमति दी थी। हालांकि, यह दवा किडनी, लीवर की बीमारियों, गर्भवती महिलाओं, स्तनपान कराने वाली महिलाओं और 12 साल से कम उम्र के लोगों को नहीं दी जाएगी। यदि इस दवा का उपयोग रोग के प्रारंभिक चरण में किया जाता है, तो गंभीर रूप से बीमार व्यक्ति को हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन नहीं दिया जाना चाहिए।
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