https://ift.tt/eA8V8J नई दिल्ली. दुनिया के सभी देश कोरोना वैक्सीन को लेकर शोध में लगे हुए हैं। कई देशों में कोविद वैक्सीन के मानव परीक्षण भ...
नई दिल्ली. दुनिया के सभी देश कोरोना वैक्सीन को लेकर शोध में लगे हुए हैं। कई देशों में कोविद वैक्सीन के मानव परीक्षण भी शुरू हो गए हैं। इसी कड़ी में अब वैज्ञानिकों ने एक नई खोज की है। दरअसल, वैज्ञानिकों ने लैब में कोरोना वायरस का सबसे खतरनाक हिस्सा बनाया है। यही है, वायरस के स्पाइक प्रोटीन को फिर से डिजाइन किया गया है जो मानव कोशिकाओं पर हमला करके किसी व्यक्ति को संक्रमित करता है।
कोरोना वायरस से निपटने के लिए तैयार किए जा रहे वैक्सीन से लोगों की उम्मीदें बढ़ रही हैं। वैक्सीन पर शोध करने वाले वैज्ञानिक इस दिशा में नई खोज और खुलासे कर रहे हैं। शोधकर्ताओं ने अब कोरोना वायरस के स्पाइक प्रोटीन की पहचान की है, जो मानव शरीर में प्रवेश करते हैं और संक्रमण से लड़ने के लिए प्रतिरक्षा प्रणाली को प्रभावित करते हैं और उन्हें संक्रमित करते हैं।
एक नए अध्ययन के अनुसार, वैज्ञानिकों ने कहा है कि स्पाइक प्रोटीन का एक नया संस्करण तैयार किया गया है, जो सिंथेटिक एस प्रोटीन की तुलना में कोशिकाओं में 10 गुना अधिक उत्पादन किया जा सकता है।
आपको बता दें कि वर्तमान में बनाए जा रहे ज्यादातर कोरोना वायरस वैक्सीन में केवल सिंथेटिक एस प्रोटीन का उपयोग किया जा रहा है। ऐसे में उम्मीद है कि वैज्ञानिकों की इस नई खोज से वैक्सीन विकसित करने में मदद मिल सकती है।
इस खोज को कोरोना विश्वविद्यालय के प्रोफेसर जेसन मैकक्लेलन ने कोरोना के इस शोध में किया था। मैकक्लेन इस अध्ययन के प्रमुख लेखक हैं। उन्होंने कहा, 'टीके के प्रकार के आधार पर, प्रोटीन का यह हाइब्रिड जोड़ खुराक को कम कर सकता है और वैक्सीन के उत्पादन को गति दे सकता है।' उन्होंने दावा किया कि अब ज्यादा मरीजों को जल्द वैक्सीन मिलेगी।