नई दिल्ली। कानपुर में हुई मुठभेड़ में 8 पुलिसकर्मियों की हत्या के मामले में गिरफ्तार सब-इंस्पेक्टर केके शर्मा ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा ख...

नई दिल्ली। कानपुर में हुई मुठभेड़ में 8 पुलिसकर्मियों की हत्या के मामले में गिरफ्तार सब-इंस्पेक्टर केके शर्मा ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। याचिका में, विकास दुबे के एनकाउंटर के मद्देनजर, उन्होंने अपनी जान को खतरा बताते हुए अदालत से सुरक्षा की मांग की है। याचिका में मांग की गई है कि उत्तर प्रदेश पुलिस के बजाय सीबीआई की जांच की जाए। जब 2 जुलाई की रात को पुलिस ने कुख्यात अपराधी विकास दुबे के घर पर छापा मारा, तब सब-इंस्पेक्टर केके शर्मा वहां मौजूद थे, लेकिन मौके से भाग गए। उसे और एसओ विनय तिवारी को पुलिस ने विकास दुबे के साथ संबंध रखने, उसे सूचित करने और मुठभेड़ के दौरान पुलिस टीम को खतरे में डालने के आरोप में गिरफ्तार किया था।
विकास दुबे और उनके सहयोगियों द्वारा सीबीआई या एनआईए से जांच की मांग करने वाली दो और याचिकाएं सुप्रीम कोर्ट में दायर की गई हैं। सुप्रीम कोर्ट 13 जुलाई को इन याचिकाओं पर सुनवाई कर सकता है। सुप्रीम कोर्ट के वकील अनूप प्रकाश अवस्थी ने याचिका दायर की है। याचिका में 2 जुलाई को 8 पुलिसकर्मियों की हत्या के मामले में CBI या SIT द्वारा जांच की भी मांग की गई थी। अनूप अवस्थी का कहना है कि पुलिस, नेताओं और अपराधियों की सांठगांठ की तह तक जाना जरूरी है। अनूप अवस्थी ने उसी मामले में पहले दायर एक अन्य याचिका पर जल्द सुनवाई की मांग की है। रजिस्ट्री को लिखे पत्र में कहा गया है कि संभावना है कि विकास दुबे जैसा एनकाउंटर बाकी लोगों के लिए भी हो सकता है।
दूसरी याचिका गैर सरकारी संगठन पीपुल्स यूनियन फॉर सिविल लिबर्टीज (PUCL) ने दायर की है। पीयूसीएल ने इस मुठभेड़ की न्यायिक जांच की मांग की है। याचिका में कहा गया कि तेज न्याय के नाम पर पुलिस कानून को अपने हाथ में नहीं ले सकती।
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